मुस्कुराया भी करो


यार जरा मुस्कुराया भी करो हर आँख रोने के लिए नहीं होती 

सभी में प्यार मत ढूंढो हर मिट्टी बीज बोने के लिए नहीं होती

किसी की बातों ने सारी रात नींद को करीब भी ना आने दिया 

सुबह जाकर एहसास हुआ कि हर रात सोने के लिए नहीं होती

- दिनेश

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